Prabhat Times
नई दिल्ली। (Tractor Rally) नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों के चल रहे विरोध-प्रदर्शनों की आड़ में पाकिस्तान अपने मंसूबों को भी कामयाब बनाने की ताक में लगा है। यही वजह है कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली में गड़बड़ी करने के लिए पाकिस्तान से 308 ट्विटर हैंडल चलाए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस बात का इनपुट मिला है कि किसानों की ट्रैक्टर रैली में गड़बड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि 13 से 18 जनवरी के बीच पाकिस्तान में 308 ट्विटर हैंडल सक्रिय हुए है जो इस काम में लगे हैं और किसान नेताओं को भी इस बारे में बता दिया गया है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि पिछले 2 महीने से प्रोटेस्ट चल रहा है. ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों के साथ पांच से छह बार बातचीत हुई. हमने अपील की थी कि गणतंत्र दिवस के समारोह में कोई गड़बड़ी न हो. दिल्ली की तीन जगहों किसानों को ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई है. इसमें सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर शामिल है

सिर्फ ट्रैक्टर लेकर आएं, ट्रालियां न लाएं- योगेंद्र यादव

दिल्ली पुलिस से बैठक के बाद स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा, “आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ एक छोटी बैठक हुई. हमें ट्रैक्टर रैली के लिए पुलिस से औपचारिक अनुमति मिल गई है. जैसा कि मैंने पहले बताया, ‘किसान गणतंत्र परेड’ 26 जनवरी को शांतिपूर्ण तरीके से होगी.” उन्होंने ये भी कहा, “जितने भी साथी अपनी ट्रोलियां लेकर बैठे हैं. मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रोलियां न लेकर आएं.”
वहीं प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) के एक सदस्य ने कहा कि गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड की शुरुआत दिल्ली के पांच सीमा बिंदुओं – सिंघु, टिकरी, गाजीपुर, पलवल और शाहजहांपुर से होने की संभावना है – जहां किसान पिछले साल 28 नवंबर से डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड की समाप्ति के बाद शुरू होगी और शाम 6 बजे के करीब समाप्त होने से पहले 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी।
एसकेएम सदस्य ने कहा कि परेड के दौरान प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विरोध स्थल पर एक कक्ष स्थापित किया गया है। इन प्रत्येक कक्षों में डॉक्टर, सुरक्षाकर्मी और सोशल मीडिया प्रबंधकों सहित 40 सदस्य होंगे। किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए मार्ग के किनारे लगभग 40 एम्बुलेंस तैनात रहेंगी।
एक अन्य किसान नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए 2,500 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है कि परेड शांतिपूर्ण रहे और कोई अप्रिय घटना न हो। स्वयंसेवकों को बैज और पहचान पत्र दिए गए हैं। विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों की एक टीम भी सुरक्षा स्थिति पर नजर रखेगी।
किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने देने के लिए दिल्ली पुलिस ने सिंघु और टिकरी बार्डर से बैरिकेड हटाने पर सहमति व्यक्त की है। किसान नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण रहेगी और किसी भी तरह से आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड को प्रभावित नहीं करेगी।
केंद्र द्वारा तीन कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है, जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देगा। हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने यह आशंका व्यक्त की है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और उन्हें बड़े कॉर्पोरेट की दया पर छोड़ देंगे।

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