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जालंधर। (traders get relief from the SC on transitional credit after the gst regime) कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कारोबारियों को राहत दी है जिनका ट्रांजिश्नल क्रेडिट (Transitional Credit) जीएसटी (GST) के बाद फंसा हुआ था, अब उन्हें इसका क्रेडिट लेने का मौका मिला है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के बाद ट्रांजिश्वनल क्रेडिट की व्यवस्था के लिए 60 दिन का वक्त देने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 1 सितंबर 2022 से लेकर 30 अक्टूबकर 2022 तक GSTN पोर्टल को ट्रांस 1 क्रेडिट के लिए खोला जाए.

GSTN पोर्टल में कोई तकनीकी खामी नहीं आए

खबर के मुताबिक, निर्देश दिए है कि साथ ही ये भी पक्का किया जाए कि इस दौरान GSTN पोर्टल में कोई तकनीकी खामी नहीं आए.
ट्रांजिश्नल क्रेडिट कैसे लिया जा सकेगा, इस पर GST काउंसिल और CBIC को मिलकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडियर बनाना होगा.
कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि जिन लोगों ने ट्रांजिश्नल क्रेडिट के लिए केस दाखिल किया था उन्हें तो इसका फायदा मिले है बल्कि उन्हें भी मिले जिन्होंने केस तो फाइल नहीं किया था लेकिन जिन्हें ट्रांजिश्वनल क्रेडिट का लाभ (Benefits of transitional credit) नहीं मिल पाया था.

10 हजार लोगों को मिलेगा फायदा

जानकारों के मुताबिक करीब 10 हजार लोगों को इस आदेश के बाद लाभ मिलने की उम्मीद है जबकि करीब 600 करोड़ रुपए तक के ट्रांजिश्नल क्रेडिट फंसे होने की बात की जा रही है.
दरअसल जब GST कानून लागू किया गया था तब ढेरों टैक्स थे और उनका क्रेडिट किन्हीं वजहों से नई टैक्स व्यवस्था में ट्रांसफर नहीं हो पाया था इसको लेकर अलग अलग अदालतों में केस भी दाखिल हुए थे मामला फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जहां से इस पर फैसला आया.

फंसा हुआ पैसा मिलेगा

विशेषज्ञों ने कहा कि अदालत ने सरकार को 1 सितंबर से दो महीने की अवधि के लिए संबंधित फॉर्म भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह निर्णय एक चल रहे विवाद में आया है जिसमें कई करदाताओं ने विरोध किया था कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण इन फॉर्मों को समय पर दाखिल नहीं किया जा सका.
इस वजह से उन्हें क्रेडिट के रिटर्न पाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.

बिजनेस के लिए एक सुनहरा अवसर

विशेषज्ञों का कहना है कि यह उन तमाम बिजनेस के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिनका जीएसटी रिटर्न फंसा है. भले ही वे रिट याचिका के पक्षकार हों या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आलोक में सभी व्यवसायों को किसी भी पूर्व-जीएसटी क्रेडिट को देखना चाहिए जहां उनका पैसा फंसा है.
इस मामले में मीडिया द्वारा ई-मेल से पूछे गए प्रश्न का अभी तक वित्त मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले से सैकड़ों व्यवसायों को फायदा मिलने की संभावना है.

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