मुंबई (ब्यूरो): भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने की चर्चा तेज है, लेकिन अभी इसमें देरी हो सकती है, क्योंकि अभी ब्रिटेन में कुछ कानूनी मुद्दे हैं, जिन्हें हल करने के बाद ही विजय माल्या को भारत लाया जा सकेगा। ब्रिटेन के उच्चायोग ने इसकी जानकारी दी है।

माल्या को प्रत्यर्पित करने पर ब्रिटेन के उच्चायोग का कहना है कि “आगे कानूनी मुद्दा है, जिसे हल करने की आवश्यकता है। हालांकि उच्चायोग ने इसकी जानकारी नहीं दी और कहा कि यह गोपनीय है।”

ब्रिटिश उच्चायुक्त ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि एक और कानूनी मुद्दा है, जिसे बिजनेस टाइकून विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए हल करने की आवश्यकता है।

पिछले महीने हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी माल्या की अपील

पिछले महीने लंदन के हाई कोर्ट ने विजय माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी। विजय माल्या ने निचली अदालत वेस्टमिनस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट के प्रत्यर्पण के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां उनके खिलाफ फैसला आया था।इसके बाद विजय माल्या ने हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की इजाजत मांगी थी। हाई कोर्ट ने विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देने वाली याचिका खारिज कर दिया।

2017 से प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर माल्या

विजय माल्या करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में भारत में वॉन्टेड हैं। माल्या को भारतीय अदालत से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है।उन पर भारतीय बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में कार्रवाई के लिए भारतीय एजेंसियों के हवाले करने के लिए ब्रिटेन में प्रत्यर्पण कार्रवाई चल रही है। माल्या ब्रिटेन में मार्च 2016 से हैं और अप्रैल 2017 से प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर हैं।

सरकार को दिया था 100 प्रतिशत कर्ज चुकाने का प्रस्ताव

बता दें कि विजय माल्या ने गुरुवार (14 मई) को सरकार से 100 फीसदी कर्ज चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने और उनके खिलाफ चल रहे मामले को बंद करने की अपील की थी। विजय माल्या ने ट्वीट करते हुए लिखा, “कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई।वे जितना चाहे उतनी करेंसी छाप सकते हैं। लेकिन मेरे जैसे एक छोटे से सहयोगकर्ता की पेशकश स्वीकार करनी  चाहिए जो सरकारी बैंकों ( स्टेट बैंक) के लोन का 100% वापसी करना चाहता है। आखिर कब तक इसे नजरअंदाज किया जाएगा। मुझसे सारा पैसा बिना शर्त के लिए लीजिए और मामला खत्म कीजिए।”