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नई दिल्ली। (who declared monkeypox a global emergency) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को 70 से अधिक देशों में फैले मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बताया कि अभी तक मंकीपॉक्स के 16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
वैश्विक और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर यह पैर पसार रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय क्षेत्रों में अधिक जोखिम का आकलन किया गया है।
वायरस के दशकों तक अफ्रीकी महाद्वीप तक सीमित रहने के बाद मई से यह उन देशों में भी पैर पसारने लगा है जहां इसका नामोनिशान नहीं था।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रसार का जोखिम जरूर है लेकिन यातायात में हस्तक्षेप का जोखिम फिलहाल कम है।
उऩ्होंने कहा कि इसका ट्रांसमिशन नए-नए तरीकों के जरिए हो रहा है, जिसके बारे में हमे बहुत कम जानकारी है।
इसी को ध्यान में रहते हुए संगठन ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने का फैसला किया है।

चेचक के टीके को मंकीपॉक्स के खिलाफ इस्तेमाल की तैयारी

यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी’ (ईएममए) ने शुक्रवार को कहा कि बवेरियन नॉर्डिक की ओऱ से बनाए गए चेचक के टीके को मंकीपॉक्स के खिलाफ इस्तेमाल के लिए भी अधिकृत किया जाए, क्योंकि इस दुर्लभ बीमारी का प्रकोप पूरे महाद्वीप में लोगों को बीमार बना रहा है।
यूरोपीय संघ के दवा नियामक ने कहा कि इसकी सिफारिश जानवरों के अध्ययन पर आधारित है, जो सुझाता है कि टीका गैर-मानव ‘प्राइमेट’ को मंकीपॉक्स से बचाता है।

35 साल के युवक मंकीपॉक्स से संक्रमित

भारत में भी मंकीपॉक्स की दस्तक हो चुकी है। केरल में पिछले करीब दो हफ्तों में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
तीसरा मामला शुक्रवार को ही सामने आया है। जुलाई की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लौटे एक 35 वर्षीय युवक में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम का रहने वाला युवक छह जुलाई को अपने गृह राज्य लौटा था और उसे 13 जुलाई से बुखार है। युवक का इलाज तिरुवनंतपुरम के मंजेरी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

तीन के तीनों मामले केरल से ही

इससे पहले, भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला केरल के कन्नूर जिले में दर्ज किया गया था।
13 जुलाई को दुबई से कन्नूर लौटे शख्स में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसका इलाज तिरुवनंतपुरम के परियारम मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
वहीं, भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज भी केरल में ही मिला था। 12 जुलाई को यूएई से कोल्लम पहुंचे व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण दिखे थे।
जिसका तिरुवनंतपुरम स्थित राजकीय चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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